Interesting fact you must know about Damodar river prepared by Ms Afsana perween
दामोदर नदी की कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्ट को जानें
- दामोदर नदी पश्चिमी बंगाल और झारखंड में बहने वाली एक नदी है।
- दामोदर नदी झारखण्ड में बहने वाली सबसे बड़ी और लम्बी नदी है।
- इस नदी की कुल लंबाई 592 किलो मीटर है
- झार खंड में इसकी कुल लंबाई: 592 किलो मीटर
- पश्चिम बंगाल में इसकी लंबाई : 302 किलो मीटर है
- झारखंड और पश्चिम बंगाल दोनो को मिलाकर इसकी कुल लंबाई 582 किलो मीटर हो जाती है।
- झारखंड के छोटा नागपुर पहड़ी से निकला कर पश्चिम बंगाल में हुगली नदी सेसमहित हो जाती है।
- दामोदर नदी का अप नाम: द्वोनंद बंगाल का शौक भी कहा जाता है।
- झारखंड का सबसे प्रदूषित नदी दामोदर नदी है।
- दामोदर नदी की सहायक नदी: बोकारो . कोनार. बराकर दामोदर नदी की सहायक नदी है ।
- दामोदर बांध परियोजना ( पचेत हिल )। तिलाया कोनार अयर बरगामो बांध और मैथन: परियोजना बना हुआ है।
- झारखंड से पलामू जिले से निकल कर हजारीबाग गिरीडीह धनबाद होते होए बंगाल में जाकर मिलती है।
- बंगाल में हुगली नदी के साथ मिलकर बंगाल की खड़ी मे मिल जाती है।
दामोदर नदी का जल मगन से नुकसान
दामोदर नदी में जब बाढ़ आता है तो बहुत सारा नुकसान भी होता ही। जो बारिश के पानी और जंगलों से होकर जो पानी आता है। वह नदियों में जाकर मिलती है। दामोदर नदी झारखण्ड के बेरमो जिले में स्थित है। बेरमो में जब भी बढ़ आता है। तब बहुत नुकसान भी होता है। वह के लोग बढ़ से परेशान हो जाते हे। बारिश और जांगल से जो पानी आता है और डैम से भी पानी छोड़ दिया जाता हे । जो बढ़ के रूप ले लेती है।जिसे दामोदर नदी बेरमो जिले में तबाही मचाती है। वह के लोगों को बहुतदिकात। का सामना करना परता है। जब बाढ़ के रूप में पानी भर जाता हैं।तब अस पास के घरों में पानी भर जाता है। जो बहुत जन माल का नुकसान होता है। जो गरीब हे उनको तो बहुत परसानिया झेलनी पड़ती है। बहुत सारे घर टूट जाते हे। सरकार भी इस मामले में लापरवाही देखती ही । बहुत तादाद में कचरा और बहुत गंदी नाले और पहाड़ के पानी से दामोदर नदी परदूसित हो जाता है। जिनके घर कच्चे मकान के हे। उनकी परसनिया और बड जाति हे। खाने तक के मोहताज हो जाते है बहुत जगह में ऐसा होता है ।जब बारिश के पानी से डैम में पानी भर जाता है तब जाके डैम का पानी निकलते हैं। इसी कारण से बाढ़ के रूप में पानी आता है। नदी में लगातार बारिश के मौसम में पानी का स्रोत बढ़ जाता है। जिसे सभी को परेसनिया झलनी परती हे। दामोदर नदी जो आस पास के छोटे छोटे गावो कस्बों से होकर अति हे। और वहा के लोगो को परसानिय उठानी परती है।
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